DASHAIN TIKA MATRA
SHORT VERSION
FOR MALE
ॐ आयू द्रोण सुते, श्रृयं दशरथे शत्रुक्षयं राधवे।
ऐश्वर्य नहुषे, गतिश्च पवने, मानं च दूर्योधने।।
सौर्य शान्तनवे, बलं हलधरे सत्यं च कुन्ती सुते।
विज्ञानं विदुरे भवतु भवतां कीर्तिश्च नारायणे।।
ऐश्वर्य नहुषे, गतिश्च पवने, मानं च दूर्योधने।।
सौर्य शान्तनवे, बलं हलधरे सत्यं च कुन्ती सुते।
विज्ञानं विदुरे भवतु भवतां कीर्तिश्च नारायणे।।
FOR FEMALE
ॐ जयन्ती मङ्गलाकाली,
भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री,
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
![](https://cdn.shopify.com/s/files/1/0417/8149/3912/files/7987B232-BF52-4B8B-8F33-85A7C37106D0_480x480.jpg?v=1603676517)